Janmashtami: Lord Krishna
●क्या हरे कृष्णा जाप करने से मोक्ष संभव है ?
परमेश्वर कबीर साहिब जी कहते है-
कबीर, तीन गुणन की भक्ति मैं, भूलि, पड़यो संसार।।
कहै कबीर निज नाम बिन, कैसे उतरे पार।।।
निज नाम क्या हे, वास्तविक मंत्र क्या है।।?
●स्वयं श्री कृष्ण ने इंद्र की पूजा भी छुडवा़कर उस एक परमात्मा की भक्ति करने के
लिए प्रेरणा दी थी। जिस कारण उन्होंने गोर्वधन पर्वत को उठाकर इंद्र के कोप से ब्रजवासियों की रक्षा की।
●गीता ज्ञान दाता
ने अर्जुन को कहा कि तेरे दोनों हाथों में लड्डू हे। जबकि अर्जुन के हाथ महाभारत के बाद कुछ भी नहीं आया सिवाय करोड़ों लोगों को मारने के पाप के !
साफ हे कि पुर्ण संत की तलाश करो, गीता अध्याय 4 के श्लोक 34 के अनुसार
●यह अवधारणा की द्रोपदी की साडी कृष्णजी ने बढाई थी, एक अर्थ सत्य है !
सत्य तो यह है कि उस समय कृष्णजी रुकमणी के साथ चौसर खेल रहे थे !
ये सारा खेल कबीर भगवान ने किया ओर भक्ति कि लाज रखी द्रौपदी कि साडी बढा कर !
उस परमेश्वर कि जानकारी के लिए देखे साधना चेनल देखे 7.30से8.30तक प्रतिदिन
कबीर साहेब जी कहते है
मानुष जन्म दुर्लभ है मिले ना बार बार ।
तरवर से पता टूट गिरे भोर न लगता डार।
भावार्थ- जिस प्रकार पेड़ से पता टूट जाने पर वापिस पेड़ पर नही लगता वेसे ही मनुष्य जन्म भी बहुत दुर्लभ है मनुष्य अपने असली काम करना तो भूल ही गया वो है भगती जिससे इस 84सी की के जाल से बच सके।
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