Sat Bhakti se Mukti

मोक्ष  जन्म और मरण के चक्र से मुक्त होने अलावा सर्वशक्तिमान बन जाना है। हिन्दू धर्म अनुसार धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष में से मोक्ष प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का अंतिम लक्ष्य माना गया है। अधिकतर लोग अर्थ और काम में उलझकर ही मर जाते हैं। कभी जिंदा थे मरते वक्त इसका पता चलता है। आओ जानते हैं मोक्ष प्राप्त करने के लिए सतभक्ती को पहचाने, जिनसे से किसी एक पर चलकर आपको भी मिलेगा मोक्ष।
प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी प्रकार की मुक्ति चाहता है। बंधनों से मुक्ति या दुखों से मुक्ती। आर्थिक परेशान से मुक्ति या दिमागी उलझनों से मुक्ति।... आप मनुष्य बन गए इसीलिए क्योंकि आप किसी अन्य पशु या पक्षी के शरीर में होने से मुक्ति होना चाहते थे। मनुष्य होने का मतलब यह है कि आप पशु या पक्षी की योनी से मुक्त हैं। इस तरह मनुष्य से आगे भी जहां और है। संपूर्ण दुखों से छुटकारा पाकर सतलोक को प्राप्त करना।...
भगवान के विधान को तोड़ने पर व सतभक्ति न करने पर विपत्ति आती हैं। आज इसका जीता जागता उदाहरण दुनिया देख रही है। अभी भी वक्त है संत रामपाल जी महाराज जी से नाम दीक्षा लेकर अपना जीवन सफल करें।
ऋग्वेद मण्डल 10 सुक्त 161 मंत्र 2, 5, सुक्त 162 मंत्र 5, सुक्त 163 मंत्र 1 - 3 में स्पष्ट है कि यदि रोगी की जीवन शक्ति नष्ट हो गई हो और रोगी मृत्यु के समीप पहुंच गया हो तो भी परमात्मा उसको सही करके सौ वर्ष की आयु प्रदान करता है। आज यही अनहोनी संत रामपाल जी महाराज द्वारा दी गयी सतभक्ति से हो रही है।
सर्वशक्तिमान परमात्मा कबीर साहेब हैं।
जिसका प्रमाण सभी धर्म शास्त्रों में है और वह परमात्मा अपने साधक के हर संकटों को एक क्षण में दूर कर सकता है।
सतभक्ती अपनाओ अंधभक्ति त्यागो 🙏

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